मनोहर सरकार के बढ़ते कदम
- By Vinod --
- Monday, 19 Sep, 2022
Growing Steps of Manohar Government
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल का दो दिवसीय सिरसा का दौरा वाकई में परिवर्तनकारी साबित हो रहा है। हिसार और सिरसा का प्रदेश की राजनीति में हिस्सेदारी कभी कम नहीं होगी, हालांकि यह इलाका विकास को जरूर तरसता रहा है, वह भी तब जब इसने मुख्यमंत्री और उप प्रधानमंत्री भी दिया है। हिसार के आदमपुर में अब उपचुनाव होना है और भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के लिए यह उपचुनाव जीतना आवश्यक है। इस सीट से त्यागपत्र देकर भाजपा के साथ अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत कर चुके कुलदीप बिश्नोई जहां आदमपुर में मोर्चा संभाल चुके हैं, वहीं सिरसा, हिसार में विकास कार्यों का आगाज करके मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी अपने काम में जुटे हैं। उनकी कार्य शैली सयंत है और विरोधियों को इसकी काट नहीं मिलती। सिरसा में मुख्यमंत्री ने जहां सैकड़ों जन समस्याओं की सुनवाई की है, वहीं उन्होंने पंजाबी समाज की ओर से आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करके इस इलाके में समाज को अपने साथ लाने का प्रयास किया है। गौरतलब है कि अरोड़वंश समाज मेहनतकश और समाज की दिशा बदलने वाला है। यही वजह है कि उन्होंने समाज की जनसभा में कहा कि वे अरोड़वंश समाज के पूर्वजों के आभारी हैं, जिन्होंने आरक्षण न लेकर पुरुषार्थ के रास्ते को अपनाया। इस रास्ते पर चलकर उन्होंने मेहनत की और देश की तरक्की में अहम योगदान निभाया।
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मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि समाज के उस वर्ग को याद किया जाना चाहिए जोकि स्वाभिमान और संघर्षशील भाव से काम करने वाला है। इस समाज ने देश के विभाजन के समय अपना सब कुछ खो दिया था और इसके बावजूद भारत में आने के बाद खेती, व्यापार, नौकरी व अन्य क्षेत्रों में मेहनत कर अपनी पहचान बनाई। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी विभाजन की पीड़ा को समझा और हर वर्ष 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है। इससे युवा पीढ़ी को विभाजन की पीड़ा को समझने का अवसर मिलेगा। देश के लोगों ने अखंड भारत को आजाद करवाने का लक्ष्य लिया था, लेकिन 14 अगस्त को विभाजन की वेदना झेली थी और 15 अगस्त को देश की आजादी की प्रसन्नता भी थी। इस दोहरे घटनाक्रम का साक्षी अरोड़वंश समाज बना था। यह विभाजन की पीड़ा हमें अपने बुजुर्गों से सुनने को मिलती है। दरअसल, स्वतंत्रता के बाद संविधान निर्माताओं के समक्ष वंचित समाज के लोगों के लिए आरक्षण का प्रावधान कर मुख्यधारा में लाने की बात पर विचार विमर्श हुआ था। इसमें विभाजन की त्रासदी झेलने वाले लोगों को आरक्षण दिया जाए या नहीं, इस पर चर्चा हुई। लेकिन इस दौरान अरोड़वंश समाज ने आरक्षण न लेकर पुरुषार्थ का रास्ता अपनाया।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल सामाजिक सौहार्द बढ़ाने की अपनी मुहिम को भी आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने जहां प्रदेश के संतों-महात्माओं की जयंती और पुण्यतिथि पर समारोह के आयोजन कराए हैं, वहीं सीएम आवास का नाम भी संत कबीर के नाम पर रखा है। यह अपने आप में कितना मनोरम है कि उन्होंने समाज के दमित वर्ग की अपेक्षाओं के अनुरूप काम करते हुए सरकारी आवास का भी नाम भी परिवर्तित कर दिया। अब उन्होंने अग्रवंश और अरोड़वंश समाज का भाईचारा ऐसे ही बना रहने की आशा जताई है। यह भी खूब है कि शहीद मदन लाल ढींगरा की जयंती के अवसर पर अरोड़वंश सेवा सदन का शिलान्यास मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किया है। वास्तव में ही यह भवन हरियाणा के लिए नहीं पूरे देश के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करेगा। यहां पर अग्रवाल सेवा सदन व अरोड़वंश सेवा सदन दोनों भवनों को एक समान रूप दिया जाएगा।
आजकल प्रदेश में बुजुर्गों की पेंशन कटने के अनेक मामले सामने आ रहे हैं। हालांकि इस दौरान ऐसे भी मामले आए हैं, जिनमें अच्छी आमदनी के बावजूद लोग पेंशन ले रहे हैं। रोहतक में अपने जनसंवाद के दौरान मुख्यमंत्री ने इस पर आपत्ति जताई थी वहीं अब सिरसा में भी ऐसे ही मामले के सामने आने के बाद उन्होंने इस पर संबंधित को समझाया। दरअसल, एक 9 किले जमीन की मालकिन महिला पेंशन बनवाने की फरियाद लेकर पहुंची तो मुख्यमंत्री ने कहा कि सिर्फ पात्र व्यक्ति को पेंशन का लाभ मिलेगा। जो व्यक्ति पात्र नहीं है, उसे यह लाभ नहीं दिया जाएगा। गौरतलब है कि हरियाणा भर में तमाम ऐसे मामले सामने आ सकते हैं, जब जरूरतमंद को पेंशन नहीं मिल रही है लेकिन जिनके घर-परिवार में सरकारी नौकरी पेशा हैं, और खेती की जमीन भी जिनके पास है। वे लोग बुढ़ापा पेंशन का फायदा ले रहे हैं। ऐसे में जो जरूरतमंद हैं, उनका हक उन्हें कैसे मिलेगा।
हरियाणा में इस समय तमाम ऐसे कार्य हो रहे हैं, जोकि एक समय संभव नहीं थे। भ्रष्टाचार को रोकना संभव नहीं है, लेकिन हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में यह कार्य बखूबी किया जा रहा है। अब मुख्यमंत्री ने सरकारी विभागों में अधिक रेट पर छूटे टेंडरों की विजिलेंस जांच के आदेश दिए हैं। पिछले दिनों सीएम ने क्वालिटी कंट्रोल कमेटी बनाने का भी ऐलान किया था। पीडब्ल्यूडी, बिजली, शहरी निकाय, जनस्वास्थ्य विभाग ऐसे हैं, जहां भ्रष्टाचार की व्यापक संभावनाएं होती हैं, लेकिन सरकार ने अब 20 प्रतिशत से अधिक राशि बढ़ाकर छोड़े गए, सभी टेंडरों की जांच कराने का निर्णय लिया है। वास्तव में भ्रष्टाचार की रोकथाम उच्च स्तर पर सख्ती से ही संभव है। हरियाणा में बीते वर्षों में सरकारों के दौरान तमाम ऐसे घोटाले हुए हैं, जिनमें उनके बड़े नाम भी आरोपी हैं। एक सरकार का कार्य जनसेवा करना होता है और उसे इस कार्य को ही अंजाम देना चाहिए, लेकिन अगर सरकार में बैठे लोग ही स्व सेवा करने में लग जाएंगे तो यह प्रदेश के लिए हानिकारक होगा। निश्चित रूप से मनोहर सरकार ने पारदर्शी प्रशासन मुहैया कराया है और मुख्यमंत्री की सोच प्रदेश को आगे ले जा रही है।
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